यदि हमने अपने जीवन में इन सब बातों को उतार लिया तो हम जीवन भर निरोगी और स्वस्थ रहेंगे। दिन की शुरुआत में सबसे पहला बिना कुल्ला -बिना मुह धोये , बासी मुह दो से तीन गिलास गुनगुना पानी पीना चाहिये | नित्यकर्म से निवृत्त होकार सुबह आत्मशुद्धी के लिये योग करना चाहिये | सुबह उठने के एक घंटे बाद शुरुआत फलो के रस से करें | सुबह का भोजन ७ से ९ बजे तक करना चाहिये, भोजन के पौष्टिक आहार जैसे फल रोटी,चावल,सब्जी,दाल,गुड आदि होना चाहिये | जाठराग्नि सुबह ७ से ७.३० बजे तक सूर्योदय से २.३० घंटे तक सबसे अधिक तीव्र होती है | दोहपर का भोजन १ से २ बजे तक करना चाहिये, दोपहर मे छ्याच या फलो का रस जरूर पिजिये और शाम का भोजन ५ से ७ बजे तक करना चाहिये | सुबह भरपूर भोजन करना चाहिये, दोपहर का भोजन सुबह से आधा होना चाहिए और शाम का भोजन दोपहर से आधा होना चाहिये | भोजन हमेशा जमीन पर बैटकर करें | सूर्यास्त के ४० मिनिट पहले भोजन करें और रात्रि मे गाय का दूध अवश्य लें | भोजन के अंत मे पाणी पिना विष के सामान है, भोजन करणे के कम से कम ४८ मिनिट पाणी पिये और भोजन के डेढ से दो घंटे बाद पाणी पिना चाहि...