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महात्मा गांधी के सिद्धान्त

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             गांधी जी के सिद्धांत सत्य गांधी जी ने अपना जीवन  सत्य , या  सच्चाई  की व्यापक खोज में समर्पित कर दिया। उन्होंने इस लक्ष्य को प्राप्त करने करने के लिए अपनी स्वयं की गल्तियों और खुद पर प्रयोग करते हुए सीखने की कोशिश की। उन्होंने अपनी आत्मकथा को  सत्य के प्रयोग  का नाम दिया। गांधी जी ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण लड़ाई लड़ने के लिए अपने दुष्टात्माओं , भय और असुरक्षा जैसे तत्वों पर विजय पाना है। .गांधी जी ने अपने विचारों को सबसे पहले उस समय संक्षेप में व्य‍क्त किया जब उन्होंने कहा  भगवान  ही सत्य है  बाद में उन्होने अपने इस कथन को  सत्य ही भगवान है  में बदल दिया। इस प्रकार ,  सत्य  में गांधी के दर्शन है " परमेश्वर " .     अहिंसा Thought bhjhnijlgjuofi ijn kkvbkबिल्कुल नहीं थे फिर भी इसे बड़े पैमाने   पर राजनैतिक क्षेत्र में इस्तेमाल करने वाले वे पहले व्यक्ति थे।   अहिंसा   ( nonviolence ), अहिंसा  ( ahimsa )   और अप्रतिकार ( no...

English grammar

DEGREES   OF   COMPARISON Comparison can be made using the three forms of the adjective. COMPARISON   OF   ADJECTIVES Adjective is a word and it qualifies a noun. It gives more information about the noun. eg.  The lion is a  strong  animal. Rita is a  beautiful  girl. Adjectives are of three degrees. (1) Positive (2) Comparative (3) Superlative The   Positive   degree   denotes the   mere   existence   of quality. eg.  David is a  rich  man. The   Comparative   degree   is used   to   compare   two persons   or   things   having   the same   quality. eg.  Cancel is  more dreadful   than cholera . The   Superlative   degree   is used   when   more   than   two persons   or   things   are compared.   It   is   singles   one from   all ...